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हममें से लगभग 20 प्रतिशत लोग अक्सर छोटी-छोटी बीमारियों से पीडि़त होते रहते हैं। यदि यह आंकड़ा विद्यार्थी वर्ग का है तो यह एक चिंता का विषय है क्योंकि युवावस्था में ही यह आंकड़ा 20 प्रतिशत है तो बुढ़ापे तक यह 80 प्रतिशत तक होने की संभावना है। कहीं न कहीं यह हमारी जीवन शैली से अवश्य ही जुड़ा होगा। किस वजह से लोग ज्यादा बीमार होते है ? यह एक अच्छे टीचर को अवश्य ही पता होना चाहिए। क्या मैं गलत तो नहीं कह रहा? जीवन बहुत ही मजेदार हो जाएगा, यदि हम डेली लाइफ में योगा को इनवाॅल्व करें। क्या आप इसमें मेरे साथ शामिल होंगे ? हम बियानी काॅलेज से ही ‘योगा‘ की यह मुहिम शुरू करना चाहते है, पर योगा को अपनाने की समझदारी तो स्टूडेन्ट्स को ही दिखानी होगी। यदि आप नहीं जानते कि किस तरह से अभ्यास किया जाता है तो हम आपके साथ है। आप यू-ट्यूब पर हमसे जुड़ सकते है। थोड़ा सीखिए और अगले दिन से एप्लाई कीजिए। बियानी ग्रुप आॅफ काॅलेजेज में पढ़ने वाले स्टूडेन्ट थोडे़ डिफरेन्ट होने चाहिए, ब्रेन से भी और फिजिक से भी। हमारे लिए यह अच्छी खबर भी है कि अगले सप्ताह एक जापानी एम्बेसेडर हमारे यहां यह देखने आएगें कि यहां से कितने बच्चे जापान गए और उनका फीडबैक क्या है ? डेढ़ घंटे के विजिट में वे केवल बियानी काॅलेज के साथ राजस्थान के गर्वनर से ही मिलेगें। इसके बाद यह अरेन्जमेंट किया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेन्ट जापान जा सके। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जापानी एम्बेसी ने गर्वनर से मीटिंग के बाद बियानी ग्रुप आॅफ काॅलेज को विजिट के लिए सलेक्ट किया। जापानी एम्बेसेडर यहां जापान गए बच्चों से मिलेंगे, सलेक्ट करेंगे, एक्सप्लोर करेंगे फिर कुछ डिसिजन्स लिए जाएंगे। इन सब बातों को आपके साथ शेयर करने का मेरा एक अह्म मकसद केवल कुछ चीजों को इम्पॉर्टेन्स ना देकर सभी चीजों को जिनमें ब्रेन भी शामिल है के बारे में समझाना भी है। ब्रेन तभी अच्छा वर्क करेंगा यदि हमारा फिजिक अच्छा है। यह सब योगा से ही सम्भव है। हमें प्रतिदिन बाॅडी की फिटनेस के लिए योगा को अभ्यास में लाना होंगा। क्या आप तैयार है ? खुद को और बाॅडी को जगाने के लिए ताली बजाने का अभ्यास करें। जब तक कोई काम मन से नहीं होता, अच्छा नहीं होता। आपकी इच्छा है कि आप पापूलर बनों या अपोज बनो!
किसी ने मुझसे एक सवाल पूछा कि ‘‘आप इतने स्पिरिच्युअल है, अध्यात्म से सम्बन्धित साहित्य का अध्ययन करते हैं तो यह बताइये कि क्या सब लोगों मंे आत्मा होती है‘‘ ?

‘‘कितना गहरा सवाल है!‘‘ हमने कहा।
‘‘यदि है तो आप कैसे प्रूव करेंगे कि आत्मा होती है‘‘? ‘‘हमनें तो गीता, रामायण सभी जगह यह पढ़ा है कि आत्मा होती है‘‘। हमने उन्हें एक उदाहरण से समझाने का प्रयास किया कि यदि आपकी जेब में पांच सौ रूपये का नोट रखा है और आप जानते है कि आपकी जेब में पांच सौ का नोट रखा है। यदि पांच सौ का नोट रखे होने के बाद भी आपको इसके बारे में पता न हो। तो इसका मतलब है कि आप को पता ही नहीं। ठीक वैसे ही आप सबके पास आत्मा है पर उन लोगों को नहीं, जिन्हें आत्मा के बारे में पता ही न हो। चीज उसी के पास होती है जिसकों पता हो। पाॅवरफुल वहीं होता है जिसे पता है कि मैं पाॅवरफुल हूँ। कुछ लोग इसीलिए बीमार है कि वे थैंक लैस है। जीवन बहुत मुश्किल है लेकिन एक मेला है। जिनकों यह पता है कि मुझमें एनर्जी है तो वह जीवित है। जिसमें एनर्जी नहीं वह मरा हुआ है। बाॅडी की फिटनेस के साथ मेन्टल स्ट्रेन्थ भी अच्छी होनी चाहिए। योगा से स्वाभाविक एनर्जी फील होती है। जो चीज स्वाभाविक होती है, वही अच्छी होती है। कितने बच्चे है जो आज से नियमित योगा करने की शपथ लेते है। Thank you, Thank you, Thank you, धन्यवाद! धन्यवाद ! धन्यवाद !
आपको शुभकामनाएं ।

Prof. Sanjay Biyani
Director (Acad.)
(Thoughts delivered in Assembly)

To know more about Prof. Sanjay Biyani visit www.sanjaybiyani.com

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