आज का विचार है आकाश । आकाश यानि कि ‘‘विस्तार‘‘। आकाश यानि ज्ञान । मुझे लगता है हम आकाश के साथ जिस तरह पेश आते है। आकाश भी हमारे साथ वैसे ही पेश आता है। यदि हमें हमारे जीवन में विस्तार चाहिए, ज्ञान चाहिए, नई सोच चाहिए तो हमें आकाश के प्रति कृतज्ञ होना पड़ेगा। […]

 ईर्ष्या, यानि जलन हम सब को कभी ना कभी महसूस होती है, क्योंकि हमारे अन्दर अग्नि तत्व अशुद्ध हो गया है । हम अग्नि के प्रति अकृतज्ञ से हो गये है। मुझे लगता है अग्नि हमारे साथ ठीक वैसे ही पेश आती है जैसे हम अग्नि के साथ आते है। आप अग्नि (fire) यानि सूर्य […]

नमस्कार दोस्तो,धरती !हमारे पूरे शरीर में 12 प्रतिशत धरती है। phosphorus, zinc, copper सब हमारे शरीर में है। ये 12 प्रतिशत धरती के तत्व हमारे साथ ठीक वैसे ही पेश आते है जैसे हम धरती के साथ पेश आते है। धरती पर नंगे पाँव चलिए । उसे महसूस करिए। उसके प्रति कृतज्ञ रहिए। मुझे लगता […]