डॉक्टर और टीचर्स, अक्सर हमें क्यों डराते हैंघ् ये इसलिए डराते हैं क्योंकि आपकी श्रद्धा और विश्वास बहुत कमजोर है और जब भी आपका अपने में डर पैदा हो जाता है तो आपकी दूसरों मे श्रद्धा पैदा हो जाती है विश्वास बढ जाता है और इसी कारण अक्सर आपके अपने टीचर्स या डॉक्टर, आपकी अपनी […]

दूसरे के खाने को मैं खा जाऊँ, ये प्रकृति एक प्रकार की विकृति है। दूसरा अपना खाना खाएँ मैं अपना खाना खाऊँ ये प्रकृति है, लेकिन दूसरे ने खाना नहीं खाया इसी की फिक्र करना यही हमारी संस्कृति है। ‘‘दूसरों के भोजन की भी चिंता करना हमारी संस्कृति है।’’ Culture To cheat somebody of his […]

आज आप पहली बार गाडी में बैठे हैं, बहुत डरे हुए हैं, आपको क्लच एवं गियर मंे संतुलन करना नही आ रहा है। आप घबराए हुए हैं ठीक इसी तरह से अगर आप अपने च्तंबजपबंस स्पमि में भी डर रहे हैं तो इसका सीधा सा मतलब है कि आपको स्वयं को डंदंहम करना अभी नही […]

आज का विचार यह है कि, असत्य से अस्वस्थ व सत्य से स्वास्थ्य का कोई सम्बन्ध हैघ् …..देखिए ना जब हम असत्य बोलते हैं, तो हमारी पल्सरेट हाई हो जाती है, हमारा ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और डॉक्टर भी तो यही कहते हैं कि ज्यादातर रोग अनो शारीरिक है। मन से शुरू होते […]

आज का विचार यह है कि, हमें अपने शत्रुओं को धन्यवाद देना चाहिए। आप सोच रहे होगें कि शत्रुओं को धन्यवाद!….हाँ भई हाँ! क्योंकि हम अपने मित्रों से इतना नही सीख पाते जितना अपने शत्रुओं से सीख लेते हैं! क्योंघ्….सही है ना बात‘‘हम अपने मित्रों से इतना नहीं सीख पाते जितना अपनेशत्रु से सीख पाते […]

कभी आपने सोचा है कि नदी और तालाब में क्या फर्क है नदी बहती रहती है और सागर में जाकर मिल जाती है, क्योंकि नदी के जो दो किनारे हैं, उसमें एक सुखद है, एक दुखद है लेकिन तालाब के तो चारों किनारें ही एक हैं सुखद, दुखद और सुखद….मुझे लगता है कि हमारे जीवन […]

कुछ लोग फूल को देखते हैं, और देखकर बोलते हैं वाह भई वाह क्या फूल हैघ् ….हाँ थोडे बहुत काँटे हैं, लेकिन इस फूल की सुरक्षा के लिए आवश्यक भी हैं और दूसरी जगह कुछ लोग कहते हैं कि अरे क्या फूल, काँटे ही काँटे, फूल तो सिर्फ दिखावे का है। आप सोचिए कि, आप […]

  कुछ लोग कहते हैं कि हमारे समाज में तलाक की घटनाऐं बहुत बढ रही है। ऐसा क्यों होता हैघ् मैं आपको बताता हूँ, हजारों साल बाद स्त्रियों की पहली पीढी घर से बाहर काम करने गई है और इसी कारण वे अपने रिश्तों में संतुलन नही बना पा रहे हैं। अगर हम चाहते हैं […]

श्री कृष्ण का अनासक्त कर्मयोग हमें भला क्यों समझ नहीं आता हैघ् मैं आपको आइडिया देता हूँ आप प्रतिदिन एकाएक बिना फल की इच्छा से करिये और महसूस करिये आपको अनासक्त कर्म ठीक से समझ आ जायेगा। ‘‘अगर हम कृष्ण के अनासक्त कर्म को समझना चाहते हैं,तो हमें प्रतिदिन कोई एक कर्म बिना फल की […]

  डॉक्टर और टीचर्स, अक्सर हमें क्यों डराते हैंघ् ये इसलिए डराते हैं क्योंकि आपकी श्रद्धा और विश्वास बहुत कमजोर है और जब भी आपका अपने में डर पैदा हो जाता है तो आपकी दूसरों मे श्रद्धा पैदा हो जाती है विश्वास बढ जाता है और इसी कारण अक्सर आपके अपने टीचर्स या डॉक्टर, आपकी […]