आज का विचार-‘‘संस्कृति’’
दूसरे के खाने को मैं खा जाऊँ, ये प्रकृति एक प्रकार की विकृति है। दूसरा अपना खाना खाएँ मैं अपना खाना खाऊँ ये प्रकृति है, लेकिन दूसरे ने खाना नहीं खाया इसी की फिक्र करना यही हमारी संस्कृति है। ‘‘दूसरों के भोजन की भी चिंता करना हमारी संस्कृति है।’’ Culture To cheat somebody of his […]