धन्यवाद कहने का प्रयास करे, दृढ़तापूर्वक तीन बार धन्यवाद कहें, कारण के साथ धन्यवाद कहें, कार्य आरम्भ करने से पूर्व धन्यवाद कहें, कार्य के समापन पर धन्यवाद कहें। इस तरह आप धन्यवादी बने।
रविवार अर्थात सूर्य का दिवस। सूर्य अथाह ऊर्जा का स्रोत है। जब सूर्य चमकता है तो अंधकार विलुप्त हो जाता है, समस्त बादलों का लोप हो जाता है। सोमवार चन्द्रमा का दिन है। चन्द्रमा सौम्यता का परिचायक (symbol) है। चन्द्रोदय के साथ ही भीषण गर्मी शीतलता में रूपान्तरित (transform) हो जाती है। यदि आपको इस कला का भान है तो आप अपने प्रत्येक क्षण को, प्रत्येक दिवस को स्वयं उत्सवपूर्ण बना सकते हैं। बस आप प्रतिपल व प्रतिदिन धन्यवाद देते जाएँ।
ताली बजाकर स्वयं को ऊर्जावान बनाएँ। रविवार अर्थात सकारात्मकता (positivity) और सकारात्मकता तभी बढ़ती है जब आप प्रतिपल कृतज्ञ (thankful) हों।
धन्यवाद कहने का प्रयास करंे ? दृढ़तापूर्वक तीन बार धन्यवाद कहें, सकारण कार्यारम्भ से पूर्व तथा कार्य के समापन पर धन्यवाद कहें। निष्चित रूप से यह धन्यवाद देने का सही तरीका है क्योंकि इससे आपको बेहतर अनुभव होगा।
यदि आप इस कला को स्वीकार कर लेते है तो प्रतिदिन रविवार होगा। आप प्रत्येक दिन का आनन्द लेंगे और प्रतिपल प्रत्येक कार्य में आनन्द का अनुभव करेंगे। इसी प्रकार कृतज्ञता (gratitude) की प्रवृत्ति विकसित कीजिए।
यदि नौकरी करने वाले सभी व्यक्ति अपने नियोक्ता को धन्यवाद दे तो वह अधिक उल्लास एवं दक्षता के साथ सकारात्मक कार्य करेगा। सभी सम्बन्ध इसी प्रवृत्ति से मधुर और सुदृढ़ होगें। आपकी कृतज्ञता से ही आपको अच्छे और दृढ़ सम्बन्ध प्राप्त होंगे। यदि आप अपने जीवन में इन छोटी छोटी बातों को महत्त्व देंगे तो बड़े मूल्यों व खुशियों की प्राप्ति होगी।
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Preeti Sharma says:
This is really essential to adopt…everyday is enjoyment
preeti sharma says:
great thought..
preeti sharma says:
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42u rack says:
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