यदि हमारा जीवन पूर्णतः सुविधाजनक है तो भला हम क्यों चुनौतियों को स्वीकारेंगे ? कौन चुनौती स्वीकार कर सकता है ? चुनौतियों को स्वीकार कर उनका सामना करना परम आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति चुनौती का सामना नहीं कर पाता। केवल वही व्यक्ति जिसके जीवन में कोई उद्देश्य है वही चुनौती स्वीकार कर पाएंगे। यदि आपके जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है तो आपको कोई चुनौती स्वीकार करने की आवश्यकता महसूस ही नहीं होगी। जीवन को व्यावहारिक रूप से लीजिए। जीवन में कोई लक्ष्य आने दीजिए। तभी आप तुच्छ वस्तुओं में व्यस्त न होकर बड़े विचारों की ओर अग्रसर होंगे। आप स्वयं में आशावादी (optimistic) दृष्टिकोण एवं सकारात्मक प्रवृत्ति का विकास कर पाएंगे।
यदि आप जीवन का आनन्द मात्र लेना चाहते है तो चुनौतियां लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। परन्तु पशु-पक्षी भी जीवन का आनन्द मात्र ही लेते है तो मनुष्यों और जन्तुओं के बीच क्या अन्तर है ?
आपके पास एक शक्तिशाली मस्तिष्क है जो संसार की सर्वशक्तिमान मशीन है। गुरूजन जो आपको प्रशिक्षण दे रहे हैं, आपको महान कार्य करने हेतु सक्षम बना रहे हैं। वे एक महत्त्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं और वह है आपके जीवन उद्देश्य निर्धारण करने में आपकी मदद। व्यक्ति का उद्देश्य निर्धारित होने पर ही उसका महत्त्व बढ़ता है। सभी महान विभूतियाँ अपने बाल्यकाल में साधारण बालक ही थे किन्तु उनके निश्चित उद्देश्य के चलते वे महान व्यक्तित्व के रूप में स्थापित हुए। अतः आपको भी स्वयं अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए। स्वयं अपना लक्ष्य सृजित कीजिए। एक ज्वलंत इच्छा रखिए और निरन्तर स्वप्न देखते हुए इस दिशा में प्रयास कीजिए। अपने स्वप्न से प्रेम कीजिए और इसे परिपूर्ण करने हेतु सक्रिय रहिए। स्वतंत्र चिन्तन कीजिए। यदि आप IAS, RAS, CA, CS या व्यवसायी बनना चाहते हैं तो आज से ही शुरूआत कीजिए।
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