प्रसन्नता (Happiness) हममें पॉजिटिव एनर्जी लाती है। जो हमारे भाग्य को बदल सकती है। हम अच्छे कार्य करके अच्छा भाग्य बना सकते है। इसलिए कहा गया है -कर्मयोग आपका भाग्य बदल सकता है (The power of karma can change your destiny) लोग कहते है कि इस सम्पूर्ण ब्रहाण्ड में दो चीजे अत्यन्त प्रभावी रूप से […]

कहा गया है कि एक अच्छा मछुआरा पिता अपने बच्चों को मछलियाँ पकड़कर नहीं देता बल्कि मछलियाँ पकड़ना सिखाता है क्योंकि अगर वह मछलियाँ पकड़कर बच्चों को देगा तो वे उस पर निर्भर हो जाएंगे। मानव शरीर भी एक ईश्वरीय उपहार है जिसे मापने की कोई मशीन नहीं बनी है। यह प्रकृति में होने वाले […]

‘‘संसार में तीन गुण शाश्वत है- सत्त्व, रजस और तमस। व्यक्ति को अपने स्वभाव में दोनों प्रकृतियों – रजस और तमस के बीच में सन्तुलन बनाना चाहिए और सत्त्व का गुण विकसित करना चाहिए।‘‘ विश्व में तीन गुण शाश्वत है- सत्त्व, रजस और तमस। सत्त्व गुण अच्छाई, विकास और सन्तुलन एवं तालमेल का दर्शाता है। […]

‘‘संघर्ष और ज्ञान के मेल से एक क्षमता को विकसित किया जा सकता है। परंतु संघर्ष अज्ञानता के साथ जुड़ता है तो वह विनाश को बुलावा देता है।‘‘ हमें जीवन में संघर्षो का स्वागत करना चाहिए। बिना संघर्ष किए जीवन के लक्ष्य प्राप्त नहीं किये जा सकते। संघर्ष करने वालो की कभी हार नहीं होती। […]

‘‘हमें भारतीय होने का गर्व होना चाहिए। हमारा जो ज्ञान knowledge है वो बहुत rich रहा है। हमारा देश सोने की चिड़िया इसी ज्ञान और संस्कृति के कारण जाना जाता है।‘‘ तक्षशिला के आचार्य थे- चाणक्य जिनका बचपन का नाम था-विष्णुगुप्त। वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, अभिप्रेरक और सम्राट बनाने वाले king Maker थे। उनका […]

‘‘ सबसे बड़ी ताकत है – क्षमा करना और क्षमा माँगना। क्षमा वीरों का आभूषण है। जिसे वीर बनना है उसे क्षमा करना सीखना ही पड़ेगा।‘‘ क्षमा करना व क्षमा माँगना भी ऐसी ही एक चारित्रिक विशेषता है जो व्यक्ति को ताकतवर बना देती हैं। रावण को मान की चाहत थी। पृथ्वीराज को भी मान […]

कहते है कि एक ओर जीवन कठोर तपस्या है वही दूसरी ओर जीवन सुख-सुविधाओं से भरपूर है । आवश्यकता है कि दोनों पक्षों के बीच सन्तुलन कैसे लाए ? मध्यम मार्ग क्या है ? आज का जीवन 21वीं सदी के उन सभी ऐशो-आराम ;comforts एवं सुख सुविधाओं से युक्त है जिसमें बाहरी दुनिया की कठिनाइयों […]

असली शिक्षा वह है जो कि वास्तविक जीवन से सम्बन्धित है। जो हममें व्यावहारिक ज्ञान, उद्देश्य और अच्छे आचरण का विकास करें। जैसा हम जीवन में कर्म करेंगे वैसा ही हमारे पास लौटकर आएगा। कहते है कि बड़ी-बड़ी बाते करने से लोग बड़े नहीं बनते। जीवन में छोटी-छोटी बाते सीखे और उन्हें एप्लाई करें। यही […]

‘‘ आचरण से मनुष्य का दृष्टिकोण बदलता है। महज दृष्टिकोण बदलकर व्यक्ति अपना भविष्य बदल सकता है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले व खत्म करने के बाद धन्यवाद देना ना भूले।Sunday (संडे) जिसका मतलब होता है सन (Sun) यानि सूर्य एवं डे (day) यानि दिन । सूर्य हमारे ब्रह्माण्ड में ऊर्जा का (energy) […]

‘‘फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरूष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। जीवन के अनुभव भी कर्मयोग का ही परिणाम है।‘‘ हमारा जीवन कर्मयोग के सिद्धान्त पर आधारित है। कर्म करो एवं फल की इच्छा न करो। इसके लिए गीता में श्रीकृष्ण का कर्म का उपदेश समझना होगा। कर्म क्या है ? […]