सोमवार, सप्ताह का पहला दिन जिसे निर्मल एवं उत्साहपूर्ण ऊर्जा के साथ प्रारंभ किया जाता है। यह ऊर्जा आपके चेहरे और व्यवहार में परिलक्षित होनी चाहिए। आपका चेहरा आपके मस्तिष्क में चल रहे भावों का सूचक है। कई बार आप नीरस जीवन जीते हैं तो आपके चेहरे पर उत्साहहीनता की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। अतः आपको अपनी प्रवृत्ति में सुधार करना होगा। जब आप मुस्कुराते हैं तो आपके चेहरे पर अलग ही सौंदर्य दिखाई देता है। जब आप ‘सेल्फी’ लेते हैं तो आप मुस्कुराते हैं, किन्तु यह मुस्कुराहट मात्र कुछ क्षणों के लिए होती है।
मेरी यही कामना है कि आप हर पल इसी प्रकार मुस्कुराते रहें क्यों कि यदि आपको ही आपका उत्साहहीन चेहरा पसन्द नही है तो दूसरे लोग इसकी प्रषंसा कैसे करेंगे। आपको यह बात सदैव याद रखनी होगी और यह आपकी आदत बन जाएगी जो भविष्य में सदैव आपके व्यवहार में परिलक्षित होगी। अपनी अध्ययन की मेज पर अपना लक्ष्य लिखें और उसे पढ़कर निरंतर उसकी ‘पुनरावृत्ति ( Repetition) कीजिए जो आपके लिए अत्यंत आवष्यक है। यदि आप किसी बड़े संस्थान में कभी जाते है तो पायेंगे कि वहाँ एक ओर ‘मिशन’ (Mission) लिखा होता है और दूसरी ओर ‘विजन’(Vission) लिखा होता है। उदाहरण के लिए नासा जैसे संस्थान का अपना मिशन और विजन है।
प्रत्येक व्यक्ति का जीवन मूल्यवान है और सबको अपना स्पष्ट मिशन और एक विजन अवष्य रखना चाहिए। अतः अपना लक्ष्य निर्धारित कीजिए। इससे आप अपने व्यवसाय, रोजगार तथा सम्पूर्ण ंजीवन का आनंद ले पाएंगे और समाज की श्रेष्ठ रूप से सेवा भी कर पाएंगे। यदि आप अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रत्येक कार्य को नियोजित रूप से करते हैं तो निश्चित रूप से अपने स्वप्न को साकार कर पाएंगे। अतः आवष्यक है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करने का प्रयास करें।
लक्ष्य की प्राप्ति हेतु स्वस्थ शरीर मनुष्य की पहली प्राथमिकता है। अतः आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने हेतुु उचित प्रयास करना चाहिए। इसके लिए प्रतिदिन सुबह 15 मिनट का व्यायाम (Exercise) अवष्य कीजिए जो आपको स्वस्थ रखेगा और आप संपूर्ण ऊर्जा के साथ कार्य कर पाएंगे एवं अपने प्रत्येक लक्ष्य की प्राप्ति कर पाएंगे।
kapil Sharma says:
amazing……………….
angela says:
motivational thought