बहुत समय से मैं इस विषय पर रिसर्च करता आ रहा हूँ कि आदमी के जीवन में उसके नाम का क्या महत्त्व है और उनके नाम के अनुसार उनका व्यक्तित्व कैसा है ? मैंने पाया कि जिसका जो नाम है लगभग -लगभग उसका व्यक्तित्व एक लंबे समय बाद वैसा ही बन जाता है। जरा सोचे कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है ? इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है कि ‘शब्द शक्ति है‘, ‘शब्द ऊर्जा है‘ और यह शक्ति और ऊर्जा जब किसी के लिए बार-बार दोहराई जाती है तो वह एक वाइब्रेशन लेकर आती है। वह वाईब्रेशन एक एनर्जी को जन्म देती है और वह एनर्जी जब किसी के पास आती है तो वह शब्द एक शेप लेकर संरचित हो जाते है और धीरे-धीरे उसके व्यक्तित्व में वह रूपान्तरण होने लगता है इसलिए लोग दुःशासन नाम नहीं रखना चाहते, दुर्योधन नाम नहीं रखना चाहते। सभी लोग सकारात्मक और बेहतरीन नाम रखना चाहते है, क्यांकि एक लम्बे समय बाद पूरे समाज को यह बात समझ आई कि नामकरण संस्कार एक बहुत बड़ा संस्कार है और नाम का जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व है। नाम के अनुसार ही हमारा व्यक्तित्व बन जाता है। जब भी हम किसी को पुकारते है, आवाज देते है या बुलाते है तो उसका अपना नाम उसके ऊपर थ्रो किया जाता है और नाम के प्रभाव से वो बच नहीं सकता है क्योंकि वह एनर्जी एक दिशा में प्रसारित कर दी गई है और उस एनर्जी के अनुसार सामने वाले का व्यक्तित्व एक शेप लेता है । इसलिए जो भी शब्द बोले, सोच समझकर बोले क्योंकि शब्द ही तो ब्रह्म है, शब्द ही तो चेतना है, शब्द ही तो शक्ति है। इसलिए अगर गाली भी बोले तो जरा सोच-समझकर बोले क्योंकि उसकी एनर्जी के प्रभाव से ना आप बच पाएंेगे ना सामने वाला। नाम का प्रभाव आपके व्यक्तित्व पर कितना हुआ है यह आपकी उम्र पर भी निर्भर करता है आपकी उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपके नाम को पुकारने की संख्या भी बढ़ती रहती है और जैसे-जैसे यह आवृति बढ़ती है उस नाम से सम्बन्धित एनर्जी आपमें उतरने लगती है और आपका व्यक्तित्व बहुत हद तक आपके नाम के अनुसार हो जाता है।

To know more about Prof. Sanjay Biyani visit www.sanjaybiyani.com

 

Dr. Sanjay Biyani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>