कभी आपने सोचा है कि नदी और तालाब में क्या फर्क है नदी बहती रहती है और सागर में जाकर मिल जाती है, क्योंकि नदी के जो दो किनारे हैं, उसमें एक सुखद है, एक दुखद है लेकिन तालाब के तो चारों किनारें ही एक हैं सुखद, दुखद और सुखद….मुझे लगता है कि हमारे जीवन में सुःख व दुःख दोनों से मिलकर बनता है उसी से हमें प्रगति मिलती है एवं उसी से हम जीवन में ऊँचाइयों को छू पाते हैं।
‘‘जीवन में में प्रगति के लिए सुख-दुख
दोनों का ही होना अति आवश्यक है।’’

Progress

How do we make progress in life? By overcoming hardships and sorrows. Just as a river has two banks, our life has happiness and sorrow as its integral parts. We scale heights, achieve success only by overcoming our failures.  

Both happiness and sorrow are essential for making progress in life.

Prof. Sanjay Biyani

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